ये वो नहीं …और वो जो है , वो वैसा नहीं है जैसा दिख रहा है !!!
मुखौटा लगा रखा है यहाँ सबने।
मुखौटा के पीछे छिपा चेहरा या तो सुन्दर , या फिर कुरूप हो सकता है।
सच्चाई बताने या सच्चाई छिपाने , विशवास जीतने या विशवास तोड़ने ,घबरा कर या मज़ाक में ,
ना जाने किस कारण, लगा रखा है मुखौटा लोगो ने।
परत दर परत मुखौटा अपनी पकड़ मजबूत बना लेता है लोगो के चहरे पर।
फिर अपनी छाप भी लगता है ये मुखौटा।
यदि सच जानने की हिम्मत है ,तो ही मुखौटा के पीछे छुपे असली चेहरा देखने की कोशिश करना ,
वर्ना ये मुखौटा लगे लोगो के साथ ही जीये।